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जून, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Relationship

If you want to live independently, then you should make less relationships, otherwise you will always be trapped in this whirlpool

Kuch mithi batein

Ek daur tha jab log samjh nahi ate the  ek vakt tha log samjh nahi pate the  Bada muskil hota hai , tut kar bikhar kar  fir se sambhl jana , logo ke haste chehre dekh kar bhi Na ghabrana  Muskil rahon me bhi uhi muskurate hue chalte jana , Kadak dopahar ki dhoop me chhav milne par bhi na ruk jana bus lakshay par najr tikaye rakna  Aur age padhte jana . Dikhenge hajar chere , har chehre ko dekh ke muskurana  Par kisi ki muskurahat par khud ke sapne ko na bhool Jana.  Bus o musafir tu uhi chalte jana  Mile jo bhi rah me use sathi banana  Ho sake to badh himmat use bhi uski manjil ki rah dikhna  E saurbh tu apni pahchan logo ko uhi batana  Mere musafir tu chalte jana  Muskil hai lekin na mumkin  nahi  Kathin  hai par har jana nahi  Mohabbat me pad kar  apni Manjil bhool Jana nahi  Kuch vakt boora hai isse dar  Kar har jana nahi  Chal tu ......... Rah me hajar dilkash najare aye , Kisi par najar thahrana nahi  O mere musafira Manjil bhool Jana nahi.  ...sVs...

Love

If you consider yourself a river of love!  So don't forget the sea is standing in front of you!!!!  ...sVs... ❤️❤️❤️💖💖💖❤️❤️❤️

जी लो या जीत लो

हर हार में  हार नहीं होती  की गई मेहनत बेकार नहीं होती  कुछ वक्त बादल  ढक सकता है सूरज की चमक  इससे चमक गुमनाम नही होती ।।

Happy birthday

🎉🎉🎉🎉🎉🎊🎊🎊शुभ तव जन्मदिवस सर्वमंगलम्, जय जय जय तव सिद्धसाधनम्, सुख-शान्ति-समृद्धि-चिर-जीवनम् ।🎉🎉🎉🎉🎉🎊🎊🎊🎊🎊 तुमको जन्मदिन की शुभकामनाएं तुम्हारी जय हो सभी कार्य सिद्ध हो। तुमको सुख, शांति, समृद्धि, अनंत जीवन प्राप्त हो। यह जन्मदिन आपके के लिए मंगलकारी हो। happy birthday to you  may all your work be successful. May you get happiness, peace, prosperity, eternal life. May this birthday be auspicious for you.🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉 Happy birthday Sonam Didi May Krishna always helps you and give you a blissful life 🎉🎉🎉🎉🎊🎊🎊🎊🎊🎂 🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎉🎉🎉🎊🎊🎊🎉🎊🎉🥳🥳🥳🥳🥳🥳🥳

Jahar

Ishk ka sara nasha utar jayega saheb  Jara abhi jeb to halki hone do ..,... ...sVs...

Hope

Never lose your hope becouse Kanha always helps you to predict your path help in journey & he will also enjoy success with you.......... When you feel bad then say Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna hare hare Hare Ram Hare Ram Ram Ram Hare hare  When you feel good & happy then that's time also chant the Mantra ........ Because happiness and sorrow are never permanent. 🌿🌿🌿🌿🌿🌿...sVs...🌿🌿🌿🌿🌿🌿

एकता

चल बढ़ चले ,साथ हम चले ! नदियों सा हम खुद रास्ता बनाते है । जो खड़ी रूकावटे, पहाड़ बनकर , इनके घमंड को तोड़ कर हम कुछ कर दिखाते हैं ।। है ताकत जो सत्य की हमारे साथ , फैल उजाले सा , इस झूठ अंधेरे को मिटाते है । चलो साथियों कुछ कर के दिखाते हैं। मन में है अगर विश्वास सच्चा , है भाव सेवा का । तो इस प्रेम में हम दसरथ माझी बन के दिखाते हैं । चीर के सीना पहाड़ का , हम खुद रास्ता बनाते हैं ।। चल ओ मेरे यारा हम एक एक मिलके ग्यारह बनाते हैं । हमे सूरज सा ना समझना , जिसकी चमक में तारे भी छिप जाते हैं । हम तो चांद से है , जो तारों के साथ मुस्कुराते हैं ।। ना कोई दुश्मन है , जमाने में मेरा ।  है दुखाया जिसने भी माफ कर भूला के आगे बढ़ जाते हैं ।। चल मेरे यार , कर अग्रजों को नमन । शिखर पर अपना परचम लहराते है  बन के किसी बाग का सौरभ, पूरी बगिया को महकाते है । अब अपनी बारी है,  कुछ कर दिखाते हैं ।। कुछ कर दिखाते है !!!!! ...sVs...

इश्क की बेईमानी

 डूब गया जबसे वो , उनके अधरो में । डूब गई नयैया ,उसकी अधर में । बीता काल उसका ,उसकी नज़रों में  कभी मजा ले ना पाया , सफरों में । जाने क्या दिखता था उस हसी के चेहरे पर , बीता दिन बीती रातें बस उन्ही के सपनो में ।। चलते ,उठते , गाते, गुनगुनाते वो गाता रहता , उन्ही के किस्से अपनो में ।  छूट गया सपना , उस झूठे सपने में अपना । मिला ना वो झूठा सपना , जिसका अनूठा किस्सा सुन  हस पड़ा मेरा हर अपना ।। जब सच छोड़ , झूठ देख मन ललचाया था ।  अरे ओ निक्कमे क्या तेरी आंखों में  वो तेरे सच का सच नही घूमने आया था ।।  ...sVs...

अधर

जिनका अधर देख मन ललचाया है , उनकी अधरो में नैया डूबी है । अरे जो हकीकत है , वही सबसे बड़ी झूठी है ।।

मुस्कुराहट

ऐसे कैसे आगे जाना , क्या सभी को भूल जाना है ।  क्या अपनी मस्ती में ,सौरभ कुछ यूं दीवाना है ।  अपनो लेकर ,अपनो के साथ ही तो आगे जाना है ।  मेरी पहचान में तो ही ,  सब को पहचान दिखाना है ।  बस यूं ही गुन गुनाते हुए आगे बढ़ जाना है ।  किस किस को छोड़ूं , मुझे सबका साथ पाना है ।  घुलूं मैं किसी किसी में ,लेकिन सबसे मिलके जाना है । चढ़े जो रंग यकीन का , हर रंग में मिला जाना है । है पहचान मेरे अपनो से , यही तो सभी को बताना है ।  कही खो न जाऊं , इसलिए ये गाना हमेशा गुनगुनाना है । । मेरी महफिल सजे ,मुझे सबको उसमे पाना है। ऐसे कैसे अकेले रो लूं , मेरे साथ तो जमाना है । मुझे हर यार की , यारी को निभाना है ।  चलते चल यारा ,हमे साथ साथ दूर तक जाना है । यू ही गुनगुनाते मुस्कुराते , सफर काट जाना है ।। ...sVs...

TRUE OR FALSE

In Hindu mythology have different types of God like lord Rama lord Ganesha lord Krishna When we go towards spirituality, we feel a strange joy there.But there are many people here who do not believe in God, but why do they not understand that the way we have positive energy and negative energy around us, in the same way there are God and ghosts.When we meditate, we ourselves feel very relaxed and can feel the happiness of our inner state. When we reach the peak of that meditation, then in that state we come to know about the energy source from which our body made up of these five elements runs. Now let us talk about God, how God is always with us. Just as our father gave birth to us, similarly their father gave birth to them, similarly the Supreme Father has given life to all of us.And if it is a matter of proof, then read the Vedas book of Bharatvarsha and go to the place you read about and see that you will get exactly the same as was told in our scriptures.Some people oppose idol wo

मां

रिश्तों का क्या , उस फरिश्ते से रिश्ता हैं ना  खोज ले तू सारे जमाने में  ,  मां से बड़ा कोई फरिश्ता है क्या  ! बिना मतलब के रिश्ता निभाएं  बता तो जरा ओ सौरभ  जमाने में ऐसा और कोई रिश्ता है क्या  ! ! ...sVs...

आग

वो तूफानों में पलते जा रहे हैं , वो आग पर भी चलते जा रहें हैं । खुदा भी नज़र अंदाज कर नही सकता , इन दियालो को !  जो दूसरों को रोशन करने के लिए खुद जलते जा रहें हैं ।। ...sVs...

मुसाफ़िर

  चल मुसाफ़िर तुझे दूर जाना है ! रात की गहराइयों में खोकर , ना जाने किस किस सपने को अपना बनाना है ।  अल्फाजों की रंगत से न जाने और कितने पन्नो को रंगीन बनाना है ।। चल मुसाफ़िर तुझे दूर तक जाना है ! मुस्किले तो आती रहेंगी , क्या इनसे तुझे हार जाना है ।  अरे हालातो से भी तो उबर कर आना है ।। उठ जा ओ मुसाफिर ,तुझे दूर तक जाना है ! तू सौरभ है इस उपवन का , तुझे इस  जग को भी तो महकाना है  । गगन चूमती इन इमारतों पर अपना भी तो ठिकाना बनाना है । चल मुसाफ़िर दूर जाना है ! हर रोज एक एक कदम आगे बढ़ाना है । थकने न दे खुद को ऐसे  लड़ते हुए खुद से आगे बढ़ जाना  हैं। । चल ओ तुझे दूर तक जाना है !! पहले कदम पर मन तुझे बहलाएगा , तुझे मन को  बहलाना है । सोच तेरे पीछे आने वालों के रास्तों को भी तो तुझे आसान बनाना है ।। कविता में अब प्रेम न लिख , कविता को ही प्रेम बनाना है ।।। उठ मुसाफ़िर तुझे दूर  जाना है ! हर हार का जश्न मनाना है ,राह पर पड़े कंकड़ को चूम कर माथे पर लगाना है । कंकड़ कंकड़ जोड़ कर ,तुझे आशियाना बनाना है ।। अरे क्या कठिन है इसमें ,ये कहते हुए आगे बढ़ जाना है ।।। चल मुसाफ़िर तुझे दूर तक जाना

शेर

अगर तू खुद को इश्क की नदी समझती है ! तो भूल न कर तेरे सामने समंदर खड़ा है !!!! ...sVs...

इश्क का नज़राना

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इश्क का नज़राना कवि से नही कविता से प्यार कीजिए । मैने तो कर दिया आप भी इंतजार खत्म कर ,  इश्क ए इज़हार कीजिए ।। रचनाकार पर नही रचना पर नजर ऐतबार कीजिए । छिन गया सुकून मेरा ,अब तो आप मेरा शब उतार दीजिए ।। इश्क ए जंगल घना है , इसमें ही कही मुझसे मुलाकात कीजिए ।  अगर जो मुनासिब हूं, मैं आपके लिए तो परवरदिगार से कुछ हमारी भी शिफारिस कीजिए । ।  माना की मोहब्बत नही जानता हूं मैं करना ,गुजारिश है ये इल्म भी अपनी शक्सियत से सीखने दीजिए । क्या पता वक्त मेरा अख्तियार कर ले ! मैं आपके मुनासिब हो जाऊ,एक मौका तो और हमे दीजिए ।।  बस अब इतना ही कीजिए ,  ये इल्म मुझे भी सीखा दीजिए !!!!! ...sVs...

आह

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आह  कौन कहता है ! आह बस आह होती है । हर आह में जीवन की एक नई राह होती है । बीती भूली बातो को याद कर कर के ये जिंदगी और भयवाह होती है । किस्मत बदलेगी इस ताक में ,मेहनत भी नही होती है । समय बीतता है कभी दिन तो कभी रात होती है।   देखते है ये लड़ाई लड़कर किस्मत कब तक सोती है ।। मंजिल नहीं मिलती,तब तक राहों से मजा लेते है । समाते मेहनत की नदी में ,समंदर को मंजिल का अंजाम देते हैं ।। हर बार टूटने का मतलब , बिखर जाना नही होता । देखते हैं ऐ सौरभ तू किस्मत का मारा कब तक रोता ।। समय ना रुकता, तो तू क्यों रुकता है । जो महान बना ,वो कब थकता है ।  उससे पूछो राह में , कितने चुभे पत्थर । चुन चुन कर ,उन्ही से आशियाना बनाता है ।। सोचता जो सिर्फ ,अपने लिए  आम इन्सान बन जाता है । किस्मत से लड़कर ,बनाता दूसरों के रास्तों को भी आसान । वो महान बन जाता है ।।            ...sVs....

वक्त

 कभी वक्त था तो वक्त ना था ,डरते थे कहने से । मुस्किल में होते वो , तब डरते थे उनकी मुस्किल सहने से ।। वो रोज अदब से सुबह सर नवाते थे , क्या था वो वक्त हम डर से उनके सामने नज़रे नही उठाते थे । चढ़ते हुए हम उनके आंखों में अपने सपने पाते । शायद गैरत हम से थी, ना तो हम उनको शब में न छोड़ आते ।। वक्त तो दोनो का था ,दोनो मुनासिब भी । लेकिन उस वक्त की पहचान न थी , मुस्किल तमाम पर इस रस्क में जान न थी । क्या मुमताज़ , क्या ताज , उसकी फितरत में तो कोहनूर था। शायद आज उसकी निगाहों में उसका नूर था ।। शब उतरी , शबनम का जुनून उतरा । फितरत बदली फिकर का सुकून बदला ।। अब न शब है ,ना शबनम। अब सिर्फ मुस्कराती फितरत और हंसते फरिस्ते।। ...sVs...

फुदकन

 आज उदासी से भरा बाग में बैठा था ,पता नहीं क्या मन में था ? ना किसी की याद थी ,ना कोई यादों में । ना कोई बात थी , ना मै किसी के वादों में ।। मन की उदासी अजीब थी ,जिसे मैं समझ न पा रहा था । शाम का वक्त था , धीरे धीरे अंधियारा भी पास आ रहा था ।। तभी अचानक नजर पड़ी एक चिड़िया पर !! सभी तो नीडो में जा रही थी। लेकिन वो अलग वही फुदकती उछलती नाच गा रही थी  थोड़ा पास उसके मैं खिसका तो मेरे आश्चर्य की सीमा न रही !! वो अपाहिज थी उसका एक  पैर ना था ,फिर भी वो अपनी मस्ती में डूबी झूम नाच गा रही थी । उसे देखकर मुझमें एक अलग सा आत्मविश्वास भर गया । ऐसा लग रहा था वो दृश्य मेरे मन में घर कर गया ।। मन की उदासी भी गायब हो गई थी  जो अभी तक उदास था वो भी खुशी से झूम रहा था । उस अपाहिज की सीख से मन आनंद से बाहर गया था ।।

पंख

  बैठा बारव्हीं  सीढ़ी पर ,भूला अपने आप को था / ना था साथ किसी का ,बस दर्द का साथ था //  मै बैठा  था , जिस सीढ़ी पर / वो इस सफर का , आखिरी पायदान था //          उस दर्द भरी  सीढ़ी पर  अनजान सी चहचहाट आ रही थी / जाने वो नन्ही चिड़िया क्या बता रही थी // अचनाक चमत्कार सा हुआ , वो बैठी हाथो में जब साक्षात्कार हुआ // एक रस्सी कहूँ या डोर जिससे  उसने मुझे जकड सा लिया / उसके इसी नादान प्रेम ने  मुझे पकड़ लिया // उसकी चहचहाट मुझे भाने लगी थी / लेकिन उसकी पंखो की उड़ान ,  उसे मुझसे दूर ले जाने लगी थी // न डर था इस बात का , की  वो दूर जा रही है / डर था कि कहीं वो किसी के , जाल  में तो नहीं फसती जा रही है // मुझे पता था ,इस दुनिया में सब  भोले-भाले लोग ही नहीं बसते / कुछ कुत्ते तो कुछ बाज तो कही गिद्ध  भी नजर गड़ाए हसते // जाने क्या हुआ अब उसे घर में पड़ा , दाना ना सुहाता था / क्या हुआ पता नहीं कुछ दिनों से , उसे ऊपर उड़ना जाया भाता था // चाहता तो में भी था , वो आसमा को चीरकर ऊपर जाये /  लेकिन कही एक डर भी था , कही वो किसी जाल में न फस जाये // वो अभी नादान थी ,दुनिया से अनजान थी  भले ही हमारी भी कुछ दिनों

डर

लड़ते लड़ते थक सा गया हूं । शायद हार से डर गया हूं ।। मुस्करा के गम दफनाते दफनाते थक गया हूं। शायद मुस्किलो से डर गया हूं ।। चलते चलते थक गया हूं । शायद फासले देख कर डर गया हूं ।। हर दर्द को अपना लिया है । मुस्कुरा के हर दर्द को ,अपने आप में छिपा लिया है ।। बहुतों को अपनाया अपना बनाने के लिए । हर एक ने कही न कही धोखा ही दिया ,खुद को बचाने के लिए।।  अब  नहीं होता ये दिखावा  दिखाने के लिए । बस अब नही मुस्कुराना दर्दो को छिपाने के लिए ।।.......... ........Continue ............ ...sVs...