डर
लड़ते लड़ते थक सा गया हूं ।
शायद हार से डर गया हूं ।।
मुस्करा के गम दफनाते दफनाते थक गया हूं।
शायद मुस्किलो से डर गया हूं ।।
चलते चलते थक गया हूं ।
शायद फासले देख कर डर गया हूं ।।
हर दर्द को अपना लिया है ।
मुस्कुरा के हर दर्द को ,अपने आप में छिपा लिया है ।।
बहुतों को अपनाया अपना बनाने के लिए ।
हर एक ने कही न कही धोखा ही दिया ,खुद को बचाने के लिए।।
अब नहीं होता ये दिखावा दिखाने के लिए ।
बस अब नही मुस्कुराना दर्दो को छिपाने के लिए ।।..........
........Continue ............
...sVs...
🙏🙏🙏🙏
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