ऐसे कैसे आगे जाना , क्या सभी को भूल जाना है । क्या अपनी मस्ती में ,सौरभ कुछ यूं दीवाना है । अपनो लेकर ,अपनो के साथ ही तो आगे जाना है । मेरी पहचान में तो ही , सब को पहचान दिखाना है । बस यूं ही गुन गुनाते हुए आगे बढ़ जाना है । किस किस को छोड़ूं , मुझे सबका साथ पाना है । घुलूं मैं किसी किसी में ,लेकिन सबसे मिलके जाना है । चढ़े जो रंग यकीन का , हर रंग में मिला जाना है । है पहचान मेरे अपनो से , यही तो सभी को बताना है । कही खो न जाऊं , इसलिए ये गाना हमेशा गुनगुनाना है । । मेरी महफिल सजे ,मुझे सबको उसमे पाना है। ऐसे कैसे अकेले रो लूं , मेरे साथ तो जमाना है । मुझे हर यार की , यारी को निभाना है । चलते चल यारा ,हमे साथ साथ दूर तक जाना है । यू ही गुनगुनाते मुस्कुराते , सफर काट जाना है ।। ...sVs...